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बात ऐसी है नहीं वो बात ही करता नहीं
जब हमें होती ज़रूरत बस तभी करता नहीं
बाप बच्चों के लिए जादूगरी करता नहीं
बस मुसलसल काम करने में कमी करता नहीं
किस क़दर उस को सताया है ख़ुदा ने इश्क़ में
जो नहीं काफ़िर है फिर भी बंदगी करता नहीं
दुश्मनों से भी बहुत बद-तर है मेरा दोस्त वो
ग़लतियों पर जो मेरी मुझ को सही करता नहीं
सोचता हूँ हिज्र कैसे काटता होगा 'तनोज'
शे'र जो कहता नहीं और मय-कशी करता नहीं
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