पल्लव - पल्लव पर हरियाली फूटी's image
1 min read

पल्लव - पल्लव पर हरियाली फूटी

Suryakant Tripathi NiralaSuryakant Tripathi Nirala
0 Bookmarks 178 Reads0 Likes

पल्लव - पल्लव पर हरियाली फूटी, लहरी डाली-डाली,
बोली कोयल, कलि की प्याली मधु भरकर तरु पर उफनाई।

झोंके पुरवाई के लगते, बादल के दल नभ पर भगते,
कितने मन सो-सोकर जगते, नयनों में भावुकता छाई।

लहरें सरसी पर उठ-उठकर गिरती हैं सुन्दर से सुन्दर,
हिलते हैं सुख से इन्दीवर, घाटों पर बढ आई काई।

घर के जन हुये प्रसन्न-वदन, अतिशय सुख से छलके लोचन,
प्रिय की वाणी का अमन्त्रण लेकर जैसे ध्वनि सरसाई।

 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts