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मिट्टी का दरपन टूटकर
यह शहर खड़ा कर लेता है।
इस्पात की क़लम जादूगरों की
कहानियाँ लिखती है।
बहादुर औरतें शॉपिंग में
कठपुतलियाँ अथवा अन्तरिक्ष-यान
ख़रीद लाती हैं। हवा अपनी दाग़दार देह पर
ख़बरें छापती रहती हैं। और,हड़तालियों का जुलूस
चुपके से पब्लिक-बाथरूम में घुस जाता है।
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