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अक़्ल के मसीहा

Rajkamal ChoudharyRajkamal Choudhary
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नेशनल लाइब्रेरी में किताबों की दीवार के पीछे
छिपकर कोणार्क की ताज़ा मूर्तियाँ चूमते हैं।
माइनस – नाइन – चश्मा फ़र्श पर गिर जाता है,
अरसे तक पड़ा रहता है। मूर्तियाँ खिल खिलाती हुईं
किताबों की दीवार में समा जाती हैं। अक़्ल के मसीहा
हाथों से टटोलते रहते हैं माइनस-नाइन।

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