अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ's image
1 min read

अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ

Raja Mehdi Ali KhanRaja Mehdi Ali Khan
0 Bookmarks 141 Reads0 Likes

अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ,
मौहब्बत की मैं रहगुज़र ढूँढ़ता हूँ,
मैं सीने में शामिल सहर ढूँढ़ता हूँ ।

ये महकी हुई रात कितनी हँसी है,
मगर मेरे पहलू में कोई नहीं है,
मौहब्बत भरी एक नज़र ढूँढ़ता हूँ ।

मेरे दिल में आजा निगाहों में आजा,
मौहब्बत की रंगीन राहों में आजा,
तुझी को मैं अब बेख़बर ढूँढ़ता हूँ ।

किधर जाऊँ वीरान हैं मेरी राहें,
किसी को न अपना सकीं मेरी आहें,
मैं आहों में अपनी असर ढूँढ़ता हूँ ।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts