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माई मीठे हरि जू के बोलना ।
पांय पैंजनी रुनझुन बाजे, आंगन आंगन डोलना ॥
काजर तिलक कंठ कचुलामल, पीतांबर को चोलना ।
‘परमानंद दास’ की जीवनी, गोपि झुलावत झोलना ॥
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माई मीठे हरि जू के बोलना ।
पांय पैंजनी रुनझुन बाजे, आंगन आंगन डोलना ॥
काजर तिलक कंठ कचुलामल, पीतांबर को चोलना ।
‘परमानंद दास’ की जीवनी, गोपि झुलावत झोलना ॥
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