ख़ुद को कितना छोटा करना पड़ता है's image
1 min read

ख़ुद को कितना छोटा करना पड़ता है

Nawaz DeobandiNawaz Deobandi
0 Bookmarks 199 Reads0 Likes

ख़ुद को कितना छोटा करना पड़ता है

बेटे से समझौता करना पड़ता है

जब औलादें नालायक़ हो जाती हैं

अपने ऊपर ग़ुस्सा करना पड़ता है

सच्चाई को अपनाना आसान नहीं

दुनिया भर से झगड़ा करना पड़ता है

जब सारे के सारे ही बे-पर्दा हों

ऐसे में ख़ुद पर्दा करना पड़ता है

प्यासों की बस्ती में शो'ले भड़का कर

फिर पानी को महँगा करना पड़ता है

हँस कर अपने चेहरे की हर सिलवट पर

शीशे को शर्मिंदा करना पड़ता है

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts