7 Bookmarks 15184 Reads59 Likes
कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
उसी की तरह मुझे सारा ज़माना चाहे
वो मिरा होने से ज़्यादा मुझे पाना चाहे
मिरा ख़याल तिरी चुप्पियों को आता है
तिरा ख़याल मिरी हिचकियों को आता है
दिल के तमाम ज़ख़्म तिरी हाँ से भर गए
जितने कठिन थे रास्ते वो सब गुज़र गए
जब से मिला है साथ मुझे आप का हुज़ूर
सब ख़्वाब ज़िंदगी के हमारे सँवर गए
आदमी होना ख़ुदा होने से बेहतर काम है
ख़ुद ही ख़ुद के ख़्वाब की ताबीर बन कर देख ले
फिर मिरी याद आ रही होगी
फिर वो दीपक बुझा रही होगी
जिस्म चादर सा बिछ गया होगा
रूह सिलवट हटा रही होगी
अपने ही आप से इस तरह हुए हैं रुख़्सत
साँस को छोड़ दिया जिस सम्त भी जाना चाहे
चारों तरफ़ बिखर गईं साँसों की ख़ुशबुएँ
राह-ए-वफ़ा में आप जहाँ भी जिधर गए
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है
उसी की तरह मुझे सारा ज़माना चाहे
वो मिरा होने से ज़्यादा मुझे पाना चाहे
मिरा ख़याल तिरी चुप्पियों को आता है
तिरा ख़याल मिरी हिचकियों को आता है
दिल के तमाम ज़ख़्म तिरी हाँ से भर गए
जितने कठिन थे रास्ते वो सब गुज़र गए
जब से मिला है साथ मुझे आप का हुज़ूर
सब ख़्वाब ज़िंदगी के हमारे सँवर गए
आदमी होना ख़ुदा होने से बेहतर काम है
ख़ुद ही ख़ुद के ख़्वाब की ताबीर बन कर देख ले
फिर मिरी याद आ रही होगी
फिर वो दीपक बुझा रही होगी
जिस्म चादर सा बिछ गया होगा
रूह सिलवट हटा रही होगी
अपने ही आप से इस तरह हुए हैं रुख़्सत
साँस को छोड़ दिया जिस सम्त भी जाना चाहे
चारों तरफ़ बिखर गईं साँसों की ख़ुशबुएँ
राह-ए-वफ़ा में आप जहाँ भी जिधर गए
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments