रती बिन साधु, रती बिन संत's image
1 min read

रती बिन साधु, रती बिन संत

Kavi GangKavi Gang
0 Bookmarks 177 Reads0 Likes

रती बिन साधु, रती बिन संत, रती बिन जोग न होय जती को॥
रती बिन मात, रती बिन तात, रती बिन मानस लागत फीको।
'गंग कहै सुन साह अकब्बर, एक रती बिन पाव रती को॥
एक को छोड बिजा को भजै, रसना जु कटौ उस लब्बर की।

 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts