0 Bookmarks 450 Reads0 Likes
जिहि फन फुत्कार उड़त पहाड़ भार,
कूरम कठिन जनु कमल बिदगिलो.
विवजल ज्वालामुखी लवलीन होत जिन,
झारन विकारी मद दिग्गज उगलिगो.
कीन्हो जिहि पण पयपान सो जहान कुल,
कोलहू उछलि जलसिंधु खलभलिगो.
खग्ग खगराज महराज सिवराज जू को,
अखिल भुजंग मुगलद्द्ल निगलिगो.
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments