उमराव नाम था उसका's image
1 min read

उमराव नाम था उसका

Kalpna Singh-ChitnisKalpna Singh-Chitnis
0 Bookmarks 104 Reads0 Likes

उसकी सूरत
बिल्कुल मेरे जैसी थी,
और आंखों में ख्वाब
मेरी तमन्नाओं के हमशक़्ल।

मैंने उसकी तरफ
दोस्ती का हाथ बढ़ाया
पर वह कांप कर पीछे हट गई,
मानो कोई वर्जित सपना देख लिया हो।

फिर हंस कर बोली -
नादान,
मैं इंसान नहीं,
एक प्रतीक हूं!

बस चुपके से आकर देखो,
झांको
और खुदा की नज़र बचा कर
दरवाजा बंद कर लो।

मैं कुछ समझी नहीं,
पर जाने क्यों
उसके इर्द-गिर्द खड़े
कुछ ज़र्द पुतले, ठठा कर हंस पड़े।

और उसका वज़ूद
आहिस्ता-आहिस्ता ऊपर उठता
एक प्रश्नचिन्ह में परिवर्तित होकर
आकाश के एक कोने में टंग गया।

उमराव नाम था उसका।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts