सन्नाटा वसुधा पर छाया's image
1 min read

सन्नाटा वसुधा पर छाया

Harivansh Rai BachchanHarivansh Rai Bachchan
0 Bookmarks 150 Reads0 Likes

सन्नाटा वसुधा पर छाया,
नभ में हमनें कान लगाया,
फ़िर भी अगणित कंठो का यह राग नहीं हम सुन पाते हैं
कहते हैं तारे गाते हैं

स्वर्ग सुना करता यह गाना,
पृथ्वी ने तो बस यह जाना,
अगणित ओस-कणों में तारों के नीरव आंसू आते हैं
कहते हैं तारे गाते हैं

उपर देव तले मानवगण,
नभ में दोनों गायन-रोदन,
राग सदा उपर को उठता, आंसू नीचे झर जाते हैं
कहते हैं तारे गाते हैं

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts