बिरहानल दाह दहै तन ताप's image
1 min read

बिरहानल दाह दहै तन ताप

Bihari LalBihari Lal
0 Bookmarks 149 Reads0 Likes

बिरहानल दाह दहै तन ताप, करी बड़वानल ज्वाल रदी।
घर तैं लखि चन्द्रमुखीन चली, चलि माह अन्हान कछू जु सदी।
पहिलैं ही सहेलनि तैं सबके, बरजें हसि घाइ घसौ अबदी।
परस्यौ कर जाइ न न्हाय सु कौन, री अंग लगे उफनान नदी।।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts