राम चरित's image
1 min read

राम चरित

Ayodhya Prasad UpadhyayAyodhya Prasad Upadhyay
0 Bookmarks 110 Reads0 Likes

राम चरित सरसिज मधुप पावन चरित नितान्त।
जय तुलसी कवि कुल तिलक कविता कामिनि कान्त।1।

सुरसरि धारा सी सरस पूत परम रमणीय।
है तुलसी की कल्पना कल्पलता कमनीय।2।

अमित मनोहरता मथी अनुपमता आवास।
है तुलसी रचना रुचिर बहु शुचि सुरुचि बिकास।3।

सकल अलौकिकता सदन सुन्दर भाव उपेत।
है तुलसी की कान्त कृति निरुपम कला निकेत।4।

जबलौं कवि कुल कल्पना करे कलित आलाप।
अवनि लसित तब लौं रहे तुलसी कीर्ति कलाप।5।

 

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts