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आज फिर हमारी उनसे कुछ देर गुफ्तगू हुई
हां ढेरों बाते हुई और रहा कुछ देर सन्नाटा भी
उनकी वो दिल को सुकून देने वाली आवाज़
वो खिलखिलाती हसी
वो बेफिक्र मिजाज़, हर बात में साज़
और वो कभी ना बयां होने वाला प्यार
जो दिल में तो है शायद पर ज़ुबान पर नहीं
कुछ इसी तरह आज फिर हमारी उनसे कुछ देर गुफ्तगू हुई।
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