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प्रहर्ष से मिला हुआ स्पर्श,
परिश्रम पश्चात मिला अर्श!
निशंक प्राप्त हुई उपाधि,
प्रजनन,प्रयोजन व समाधि!
हर निश्चित कार्य का समय,
प्रलोभन से मुक्त करे प्रलय,
ना हठ प्रभाव,ना कोई खेद,
अद्वैत दर्शन कर जाना भेद,
संयुक्त हुई भक्ति और शक्ति,
आसक्ति से मंज़ूर हुई मुक्ति!
कलरव से अनुकंपा निखरी,
खुशियां चहु ओर त्यों बिखरी!
- यति
:)
More Love
and
Much Light to all!
✨
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