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अप्रत्यक्ष विजेता

Yati Vandana TripathiYati Vandana Tripathi March 26, 2023
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घर में इनके था कोई पीड़ित,

मौत से भी हुआ कोई क्रीडित,

दो साल बाद मिला स्थाई रोज़गार,

चुका पा रहे देखो ये पिछला उधार!

ये कोरोना की महामारी से निकले,

दुख इनकी निर्मम व्यथा में झलके!

ये सभी खो चुके थे संपूर्ण आस,

सामर्थ्य ही था केवल इनके पास!

ये सभी वो हैं जो हालात से नहीं हारे,

खिलीं इनके आंगन खुशियों की बहारे!

मुस्कान मानो तब्दील होकर बनी हंसी,

दुनिया भी चाहे इनपर जितने तंज कसी!

इन सबके मन में मौजूद थे सपने सशक्त,

गुज़रता देख रहे थे कबसे समक्ष वक्त!

ये सभी जो अपनी जड़ों से थे सदैव जुड़े,

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