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"तमस"
अरण्य, नदी,पर्वत-पठार
पथ हो या पथिक
ऊँघते हु्ए गाँव-कस्बे हों या थके हुए से नगर
क्षितिज हो कछार
या भव्य विक्राल संमदर
सबकुछ निगल जाता है
रात का
गहराता तमस।
-फाल्गुनी राय
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"तमस"
अरण्य, नदी,पर्वत-पठार
पथ हो या पथिक
ऊँघते हु्ए गाँव-कस्बे हों या थके हुए से नगर
क्षितिज हो कछार
या भव्य विक्राल संमदर
सबकुछ निगल जाता है
रात का
गहराता तमस।
-फाल्गुनी राय
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