
कर लो उससे कुछ भोली बातें, अभी वह नया नया सा है,
देखेगा जब वो ख्वाब पुराना, पूछेगा क्या और क्या क्या है,
परी कहानी व तारों भरी रातें, जब तब हर्षाना जया सा है,
हँस कर सीखता मिट्टी खाना, झुनझुना हिलाना नया सा है,
कर लो उससे कुछ ............
फूलों पे देखे तितली भँवरे आते, नीड़ वहाँ पर बया का है,
सूरज चाचा व होगा चंदा मामा, नभ पे बादल नया सा है,
कर लो उससे कुछ ...........
आँगन में घी चुपड़ी रोटी खाते, बताना चिरिया हया सा है,
माँ आँचल में दौड़ छिप जाना, ये शौक पुराना नया सा है,
कर लो उससे कुछ ...........
बंदर भालू करतब दिखलाते, मसक का उड़ना दया सा है,
कागजी जहाज बना बना के, बारिश में तैराना नया सा है,
कर लो उससे कुछ ........
दौड़ता फिरता वह रोते गाते, जीवन जिसका गया सा है,
आँसुओं का अब मुस्कुराना, बहते चले जाना नया सा है,
कर लो उससे कुछ .........
कर लो उससे कुछ भोली बातें, अभी वह नया नया सा है,
देखेगा जब वो ख्वाब पुराना, पूछेगा क्या और क्या क्या है,
- विवेक मिश्र
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments