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की ममता के आंचल से बंधे हैं हम
जो वो छुटा तो टूट जाएंगे हम
दूर होके भी दिल धड़कता है उनका मेरे सीने में
जो माँ रूठ गई तो
मर जाएंगे हम,
माँ की हाथो की रोटी जो देती है सूकुन
उसके आगे जन्नत भी फिका पड जाएगी कम
माँ के बगल में बैठ के बाते करना
ऐसा लगता जैसा पूरी दुनिया हमारी,
माँ के कदमो में हम
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