
Share0 Bookmarks 20 Reads0 Likes
अर्थ अनर्थ
हो जायेगा यदि
करते नहीं जो
कर सकते यद्यपि।
कारण अकारण
में बदल जायेगा यदि
करते नहीं प्रबंधन जो
कर सकते यद्यपि।
शांत अशांत
हो जायेगा यदि
करते नहीं सुनियोजित जो
कर सकते यद्यपि।
निर्विरोध विरोध
हो जायेगा यदि
करते नहीं निपटान जो
कर सकते यद्यपि।
सुख दुख
हो जायेगा यदि
करते नहीं अनवरत श्रम जो
कर सकते यद्यपि।
प्रेम द्वेष
हो जायेगा यदि
करते नहीं दूर बैर जो
कर सकते यद्यपि।
सम्मान अपमान
हो जायेगा
करते नहीं मंथन जो
कर सकते यद्यपि।
-विशाल "बेफिक्र"
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments