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मुसाफिर मिलेंगे छूट जाएगेंं

Vishal ShandilyaVishal Shandilya July 24, 2022
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किसको यहाँ वक्त इतना के जाने अब अनजाने किसी को।

चेहरे बदलते हैं ऐसे के आईना भी कहाँ पहचाने किसी को।

हैं ये जिंदगी मुश्किलों से भरी, मुसाफिर मिलेंगे छूट जाएगेंं।

उलझनें आयेगी राहों में बहुत, कभी अपने भी रुठ जाएंगे।

-विशाल


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