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हमारे नैन अब थकने लगे हैं
हम उनकी राह जो तकने लगे हैं
जवानी खत्म होती जा रही है
हमारे बाल अब पकने लगे हैं
इशक़ तो मानो लाइलाज ठहरा
दवा क्यों साथ फिर रखने लगे हैं
ये जग जब हो गया है बेस्वादी
नमक हम इश्क़ का चखने लगे हैं No posts
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