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ख़ामोश ज़ुबाँ को सब बीमार समझते हैं
हरक़त ना करो तो सब दीवार समझते हैं
हम हैं कि साथ उनके चलना हैं उम्र भर और
वो हैं कि मोहब्बत को खिलवाड़ समझते हैं
उनके "ना" में भी समझता हूँ मैं सहमत
मेरी " हाँ" को भी जो इनकार स
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