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दिल उसके नाम अब करना नहीं है
हमें फिर उसपे तो मरना नहीं है
हमें मजबूर ना कर दें वो आँखें
हमें इन बातों से डरना नहीं है
गोगल डाल के गुजरा करो तुम
हमें ये क़लमा अब पढ़ना नहीं है
रख
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