सर्व सुख-शांति मंत्र -ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।'
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय.
टूटे पे फिर ना जुरे, जुरे गाँठ परी जाय.
रहीम कहते हैं कि प्रेम का नाता नाज़ुक होत
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