सभाएं आयोजित हुईं हैं's image
Love PoetryPoetry2 min read

सभाएं आयोजित हुईं हैं

Vikas GondVikas Gond December 20, 2022
Share0 Bookmarks 49019 Reads1 Likes
सभाएं आयोजित हुईं हैं
लोगों का भीड़ उमड़ी हैं
ज्वारभाटा की तरह,
मैं भी खड़ा हूं इसी भीड़ में
और तालियां बजाने की तैयारियां कर रहा हूं!
जैसे सब बजा रहे हैं,
ठीक वैसे ही!
लेकिन इसी में एक आदमी खड़ा हैं,
और संघर्ष कर रहा हैं,
एक अशहाय नाविक की तरह!
उसका संघर्ष पेट भरने का संघर्ष है ,
अपना, अपने बच्चों का, और पूरे परिवार का...
एक मजदूर अच्छा पिता नहीं बन पाया पूरे जीवन भर,
क्योंकि उसके बच्चों को लगता है
पापा हमारे लिए कुछ नहीं किए...
एक मज

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts