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गुज़ार जी ज़िन्दगी साथ जिनके, क्या वो हमें प्यार नहीं करते
सब कुछ बर्दाश्त कैसे कर लूँ मैं, वो मुझे थप्पड़ मार नहीं सकते
नफ़ा नुक़सान जो होगा वो होगा और वो देखा जाएगा अब
कुछ भी हो हम साथ उनके ज़िन्दगी अपनी गुज़ार नहीं सकते
कोई हो न हो साथ, मैं खुद हूँ खुद के साथ अपने हक़ के लिए
सूद के साथ देनी है वापस सब, हम किसी का उधार नहीं रखते
एक थप्पड़ की गूंज ने याद दिला दिया सब कुछ जो ग़लत था
करते जो हमस
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