
गुज़ार जी ज़िन्दगी साथ जिनके, क्या वो हमें प्यार नहीं करते
सब कुछ बर्दाश्त कैसे कर लूँ मैं, वो मुझे थप्पड़ मार नहीं सकते
नफ़ा नुक़सान जो होगा वो होगा और वो देखा जाएगा अब
कुछ भी हो हम साथ उनके ज़िन्दगी अपनी गुज़ार नहीं सकते
कोई हो न हो साथ, मैं खुद हूँ खुद के साथ अपने हक़ के लिए
सूद के साथ देनी है वापस सब, हम किसी का उधार नहीं रखते
एक थप्पड़ की गूंज ने याद दिला दिया सब कुछ जो ग़लत था
करते जो हमसे वो प्यार तो सबके सामने यूँ शर्मसार नहीं करते
कोई कुछ भी करेगा और मैं चुप रहूँगी ये अब नहीं चलेगा और
रिश्ते निभते दिल से ज़िन्दगी भर यूँ रिश्तों का व्यापार नहीं करते
लड़नी है ये लड़ाई इस ज़ुल्म के ख़िलाफ़ बनानी है मिसाल
थप्पड़ ने हिला दी ज़िन्दगी वरना बग़ावत का हम इज़हार नहीं करते
गुज़ार जी ज़िन्दगी साथ जिनके, क्या वो हमें प्यार नहीं करते
सब कुछ बर्दाश्त कैसे कर लूँ मैं, वो मुझे थप्पड़ मार नहीं सकते
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