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एक अरसे के बाद मुकम्मल हुयी,
फिर चलते चलते हम मिले।
एक पुलिंदा था शिकायतों का
कई अनकही बातों का
तेरी बोली सुनकर हंसने वाले
फिर रोते रोते हम मिले।
फिर चलते चलते हम मिले।
एक पुलिंदा था शिकायतों का
कई अनकही बातों का
तेरी बोली सुनकर हंसने वाले
फिर रोते रोते हम मिले।
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