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कविता-:उम्मीद नहीं थी

mayank chaturvedimayank chaturvedi October 1, 2022
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उम्मीद नहीं थी हमें
की हम डगमगा जायेंगे
इंकलाब का नारा लेकर
लड़ने पहुंच जायेंगे
मन में ठान के उनको
हराने के लिए जायेंगे
हमें क्या पता था
वो फिरं

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