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बेताबी जब बढने लगे, बेचैनी रातों में जगाये,
मन के घोड़े बेलगाम होकर,
बस तुम्हारी याद दिलाएं, समझने की कोशिश तो करें
मन के घोड़े बेलगाम होकर,
बस तुम्हारी याद दिलाएं, समझने की कोशिश तो करें
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