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कप की चाई हमें गवारा नहीं
कुल्हड़ के सिवा हमारे पास कोई चारा नहीं।।
विदेशी चेहरे हो सकते है ख़ास मगर
बनारसी चेहरे का तो कोई जवाब ही नहीं।।
कुछ यादों को तो बस बनारस ने संभाला है
वरना इश्क़ में राख हुआ मैं हार के भी हारा नही।।
विसर्जित हुआ हमारा दर्द गंगा में उभरा मगर
लोगों ने मौसम की मार को समझा हमारा इशारा नहीं!!विभा पाठक
कुल्हड़ के सिवा हमारे पास कोई चारा नहीं।।
विदेशी चेहरे हो सकते है ख़ास मगर
बनारसी चेहरे का तो कोई जवाब ही नहीं।।
कुछ यादों को तो बस बनारस ने संभाला है
वरना इश्क़ में राख हुआ मैं हार के भी हारा नही।।
विसर्जित हुआ हमारा दर्द गंगा में उभरा मगर
लोगों ने मौसम की मार को समझा हमारा इशारा नहीं!!विभा पाठक
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