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कभी ये सोचती हूँ
कि ये यादें तुम्हारी
बहुत तड़पाएंगी,
अश्क दे जाएंगी |
मगर ये चाहती हूँ
चाहे गम ही मिले पर
मुझे तुम याद रहना |
चाहे आँखें ये भर आयें,
चाहे दिल फूट कर रोये,
तुझे मिलने की उम्मीदें
मेरे दिल से नहीं खोयें |
मेरे दिल में बनेगा
यादों का एक घर,
वहीं आबाद रहना,
मुझे तुम याद रहना |
कभी फ़ुर्सतमिले तुमको
तो थोड़ा याद कर लेना |
मगर तुम भी मेरे जैसे
आँखों को न भर लेना |
तकलीफ़ों से यादों की
तुम तो आज़ाद रहना |
मुझे तुम याद रहना…
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