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राजनीतिक कुंठाएं

Utsav KumarUtsav Kumar May 3, 2023
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कहते हैं कि लोकतंत्र है,
जनता के द्वारा शासन हैै,
पर जनता तो शोषित होती!
इसके पीछे क्या कारण हैै?
चुनाव नजदीक आ जातेे हैं,
वे घोषणा पत्र बंटवाते हैं,
मैं ये करुंगा, मैं वो दूंगा,
वे यही तो सिर्फ सुनाते हैं।
रैलियों में भीड़़ जुटाते हैं,
पैसे भी खूब लुटाते हैं,
जनसभाएं भी करवाते हैं,
जनता के मन को लुभाते हैं!
वोट डालकर जनता अपने घर को जाती है!
अब विकास होगा,यही सोचकर चैन पाती है!!
इसी क्रम में पांच साल बीत जातेे हैं।
सबके सामनेेेेेेे फिर से नए चुनाव आते हैं ।।

           ‌                            ___ उत्सव कमार

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