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यदि व्याकुलता अपने अंतर्मन की

तुमको मैं दिखला देता

नीडो के खग्शावक का

स्पंदन तुमको करवा देता,


आमोद नील व्योम विचर का

प्रमोद सलिल वारिधर का

क्रंदन कर आर्द्र मुख से

भृंग नाद भी गूंजेगा



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