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देखता हूँ, आज हर जगह, हर कोई,
खुदा का नूर पाने को यहाँ वेताब है ।
क्या मिल सकेगा ,नूरे खुदा का ?
जहॉ सम भाव की जगह ,
नफरत वेहिसाब और मजहब का दीवाल है ।।
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देखता हूँ, आज हर जगह, हर कोई,
खुदा का नूर पाने को यहाँ वेताब है ।
क्या मिल सकेगा ,नूरे खुदा का ?
जहॉ सम भाव की जगह ,
नफरत वेहिसाब और मजहब का दीवाल है ।।
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