प्रार्थना's image
Share0 Bookmarks 48229 Reads0 Likes

जुल्म करने के लिए अगर ये हाथे उठ गया ,

प्रभु तुम ये हाथे रोक देना, ये मुझे आशीष दो ।

हर कदम मेरा उठे , लोक सेवा के लिए ,

विचलित न होऊँ पथ से प्रभु , ये मुझे आशीष दो ।

ये समर्पित जिंदगी , न खौप खाए जुल्म से, 

हर जुल्म को मैं खत्म कर दूँ ,ये मुझे आशीष दो ।

हर समय,हर

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts