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अवतरित हुए धरा पर,
नारायण के अवतार,
हुई धरा ये पावन,
हुआ पावन संसार ।
नन्हें नन्हें कदमों से,
मंद मंद मुस्कानों से,
मोह लिए है जग को,
दिव्य सुंदर नयनों से ।
ऐसा अद्भुत रूप है,
ब्रह्माण्ड का स्वरूप है,
जिसे देख हो जाते गुम,
ऐसा मनोहर रूप है ।
तीनों मांओ के प्यारे है,
पिता के राजदुलारे है,
सभी अयोध्यावासियों की
आँखों के तारे है ।
इस नाम से बने सारे काम,
इस नाम में ही है चारों धाम,
जिसे जपता सारा संसार,
श्री राम, जय राम, जय जय राम ।
- तुषार "बिहारी"
नारायण के अवतार,
हुई धरा ये पावन,
हुआ पावन संसार ।
नन्हें नन्हें कदमों से,
मंद मंद मुस्कानों से,
मोह लिए है जग को,
दिव्य सुंदर नयनों से ।
ऐसा अद्भुत रूप है,
ब्रह्माण्ड का स्वरूप है,
जिसे देख हो जाते गुम,
ऐसा मनोहर रूप है ।
तीनों मांओ के प्यारे है,
पिता के राजदुलारे है,
सभी अयोध्यावासियों की
आँखों के तारे है ।
इस नाम से बने सारे काम,
इस नाम में ही है चारों धाम,
जिसे जपता सारा संसार,
श्री राम, जय राम, जय जय राम ।
- तुषार "बिहारी"
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