Share0 Bookmarks 48971 Reads1 Likes
ये सोचा कि कल कर दूंगा
सारी समस्या हल कर दूंगा
ला दूंगा नभ को पांव किनारे
तज दूंगा सहारे न्यारे न्यारे
और करूंगा भ्रम समर्पण
स्वयं को लौ में करके अर्पण
मैं आकाश भर के सारे तारे
ला दूंगा स्वयं भुजबंध किनारे
बहेगी संघर्ष रुप बन धारा
वर्चस्व रहेगा सिर्फ हमारा
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments