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इस बार जरा मजबूर हूँ मैं
इस बार नही आ पाऊंगा
बहना,मुझको मालूम है
मैं तुझको याद बड़ा आऊंगा
साल भर से देख रही थी
मेरे आने की राहे
सुनी है कलाई मेरी
और सुनी है बाहें
क्या क्या जतन किये थे
क्या क्या सजे थे सपने
खुश थी आंखे ,खुश था मन
की जब सब मिलेंगे अपने
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