चलो कुछ मर्म ढूंढ़ें's image
Poetry1 min read

चलो कुछ मर्म ढूंढ़ें

Bharti TripathiBharti Tripathi November 5, 2021
Share0 Bookmarks 213566 Reads1 Likes

"चलो कुछ मर्म ढूंढ़ें"


चलो कुछ मर्म ढूंढ़े

जीने का अर्थ ढूँढ़ें

जीवन के सार को

छानें और बीनें

चुन-चुन के पत्थर 

तराशें और छीनें

रेत के ढेर से 

मोतियों को चुनकर

चलो इन्हें फिर से

इक डोर में पिरो लें।


खर और तिन

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts