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तमाम विषयों को छोड़कर मेरा विचार कविता पर अटक जाता,
लेखन में , विषय के नाम पर कविता शब्द ही भाता,
कितनी कवितायें रच दी, बस एक विषय को लेकर,
बोरियत नहीं, रुचि पैदा करती , नया रूप देकर,
हर कविता में पहलू दिखते हैं भिन्न भिन्न,
बयां करते हैं, मैं कितनी एक विषय पर लीन,
कोशिश मेरी , कवि की गूँज पहुंचे दूर तक,
समान बातों को नया रूप देने में हों वो परिपक्व,
स्वतंत्रता हों उसको लेखन का विषय चुनने की,
विषय में पुनरावृति भी हों तो, बातें नए ढ़
लेखन में , विषय के नाम पर कविता शब्द ही भाता,
कितनी कवितायें रच दी, बस एक विषय को लेकर,
बोरियत नहीं, रुचि पैदा करती , नया रूप देकर,
हर कविता में पहलू दिखते हैं भिन्न भिन्न,
बयां करते हैं, मैं कितनी एक विषय पर लीन,
कोशिश मेरी , कवि की गूँज पहुंचे दूर तक,
समान बातों को नया रूप देने में हों वो परिपक्व,
स्वतंत्रता हों उसको लेखन का विषय चुनने की,
विषय में पुनरावृति भी हों तो, बातें नए ढ़
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