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चेहरे की मुस्कान छुपाती, दर्द सभी उर अन्तर के,
पर पलकों के पीछे की, हर हलचल सत्य बोलती है।
ये होंठ भले खामोश रहें, या चेहरा रहे मुखौटे में,
जब दर्द उभरता है दिल में,तो आंखें राज खोलतीं हैं।।
...
तन के ढांचे में कैद,हृदय की धड़कन सममित,सौम्य रहे,
तो मन की सोच सदा निर्मल, निश्छल, हितकारी होती है।
छल,कपट,
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