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करके कवायद कारवां, मंजिल को बढ़ गया,
हम रास्ते में फूल बिछाते ही रह गए।
जो हमसफर थे, साथ साथ हम कदम चले,
हम रहबरों से हाथ मिलाते ही रह गए।।
...
सबकी नजर में है अलग, जीवन का फ़लसफ़ा,
सबकी अलग मिसाल, अलग ही उसूल हैं।
माफिक है जिसे, जिस तरह के हाल में जीना,
उसको उसी के हाल में जीना कबूल है।।
...
राहों के शूल सबक, फूल बन गए राहत,
आबोहवा का आस पास में सुरूर है।
मंजिल अगर हो सामने, रूकते
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