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ये चाँद क्यों गुमनाम सा बैठा है
हमारी छत पर है, फिर
क्यों बना अनजान सा बैठा है
कोई खता हुई हमसे
या वो यूं ही हुआ परेशान सा बैठा है
हमारा चाँद क्यों गुमनाम सा बैठा है
हमारी छत पर है, फिर
क्यों बना अनजान सा बैठा है
कोई खता हुई हमसे
या वो यूं ही हुआ परेशान सा बैठा है
हमारा चाँद क्यों गुमनाम सा बैठा है
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