उम्मीद's image
Share0 Bookmarks 48817 Reads0 Likes
बड़े दिनों बाद एक उम्मीद जगी है
तुमसे मिलके एक आस जगी है

अंधेरे में हो जैसे रोशनी की किरण
या किसी भूले को मिल जाए मंज़िल
तुमसे मिल के आंखों में आज वैसी ही नमी है

ख्वाहिशें फिर से जी उठी है
ख्वाबों को भी मिली एक नई जिंदगी है
लबों के कोनो पे हंसी फिर सजने लगी है

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts