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जो जैसा है, उसके वैसा होने से क्या नाराज़गी
गम तो यह है के, वो हमें समझ न पाए।
अब यह दलील ले कर जाए भी तो कहां
गम तो यह है के, वो हमें समझ न पाए।
अब यह दलील ले कर जाए भी तो कहां
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