Share0 Bookmarks 214709 Reads2 Likes
जब भी कानों में झुमके, गले में हार और पैरों में पाज़ेब पहनती हूं,
वो तुम्हारी कही कई बातें याद आती हैं;
कि मेरा सबसे कीमती ज़ेवर तो मेरे भीतर है, मेरी सादगी।
कि मेरे रूप की चमक, मेरा तेज़ और मेरी सरलता है ;
कि मेरे नज़रों की तरलता, शायद किसी सीप के मोती से भी ज़्यादा आकर्षित करती है।
तुम केहते थे ना मेरे सीरत की खूबी ही मेरी ख
वो तुम्हारी कही कई बातें याद आती हैं;
कि मेरा सबसे कीमती ज़ेवर तो मेरे भीतर है, मेरी सादगी।
कि मेरे रूप की चमक, मेरा तेज़ और मेरी सरलता है ;
कि मेरे नज़रों की तरलता, शायद किसी सीप के मोती से भी ज़्यादा आकर्षित करती है।
तुम केहते थे ना मेरे सीरत की खूबी ही मेरी ख
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments