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*पिता*
माँ ने दुनिया में लाया बेसक,
पर दुनिया घुमाया हमे पिता हैं।
माँ ने लोरी गाके हमें
सुलाया है भले रातों में
नये सवेरा - नया विहान
दिखाया हमे पिता हैं।
इस सुंदर दुनिया में बेसक
माँ ने हमें लाया है।
पर सुंदर पर्दे के पीछे चीपे छलीया से –
परिचय कराया हमें पिता है।
दुनिया दिखाया हमें पिता हैं।
माँ ने हमे सजाया,
वस्त्र सुंदर हमें पहनाया है।
पर क्या पता तुम्हे ?
मेरे सुंदर वस्त्रों के लिए
फटा- पुराना पहना हमारे लिए
हमारे पिता हैं।
माँ पौधा, हम फूल
माँ ने हमे खिलाया है।
पर, इस बगीचे का 'माली पिता'
खुन देकर इस बाग को
सीचा पिता हैं
ओ पिता तुझे शत बार नमन
हम पर उपकार बड़ा किया। ।।
:- सुमित आर्य (pen name)
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