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तर्क-वितर्क में खोया साहस
तिरस्कार बन जाता है
कटते हर अधिकार मन
स्वीकार कर जाता है
हर पक्ष विराम देते संयम
बांध-बांध बंध जाता है
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तर्क-वितर्क में खोया साहस
तिरस्कार बन जाता है
कटते हर अधिकार मन
स्वीकार कर जाता है
हर पक्ष विराम देते संयम
बांध-बांध बंध जाता है
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